मैं तुम्हारे पथ की रज सी तुम चाँद मेरे गगन के, बिल्लौर सी जम जाती है कशमकश तब मेरी मैं तुम्हारे पथ की रज सी तुम चाँद मेरे गगन के, बिल्लौर सी जम जाती है कशमक...
ना चाहते हुए भी मैंने कैंसर से हाथ मिलाया था, बिमारी से घिरता रहा मैं खतरे मे जीवन ना चाहते हुए भी मैंने कैंसर से हाथ मिलाया था, बिमारी से घिरता रहा मैं ...
आसान कब है जिंदगानी हर मोड़ पर भेडिया खड़ा है। आसान कब है जिंदगानी हर मोड़ पर भेडिया खड़ा है।
सुनता था मोहब्बत में होता है सब जायज... सुनता था मोहब्बत में होता है सब जायज...
उबल रहा अब रक्त देश का ... इस कविता के माध्यम से मैं उन देश द्रोहियों को चेतावनी देना चाहता हूँ ,जो ... उबल रहा अब रक्त देश का ... इस कविता के माध्यम से मैं उन देश द्रोहियों को चेतावनी...
तन्हाई में, घुट-घुट कर आँसू बहाया होगा ! तन्हाई में, घुट-घुट कर आँसू बहाया होगा !